"भाषा बदलो, और आप के विचार बदल जाएंगे।"
कार्ल अल्ब्रेक्ट

बीरेल्लि शेषि, एम.डी.

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दस्तावेज़ों और उनके अनुवादों के बारे में एक व्याख्यात्मक टिप्पणी

बीरेल्लि शेषि, एम.डी.
BSeshi@multilanguaging.org
BSeshi@outlook.com

अपने अनुवादों के साथ, यहाँ सम्मिलित दस्तावेज़ निम्नलिखित हैं:
दस्तावेज़1 – संस्थापक और अध्यक्ष का संदेश
दस्तावेज़2 – विषय वस्तु, पाठ्यक्रम और कार्यक्रम
दस्तावेज़3 – जीवन-चरित्र
दस्तावेज़4 – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) और उत्तर, मुझे पहले पढ़ें और मुझे अंत में पढ़ें – आगे क्या?

डॉ. शेषि ने इन दस्तावेज़ों को मूल रूप से अंग्रेज़ी में लिखा था।
मूल निवासी पेशेवरों/विशेषज्ञों द्वारा इनका अनुवाद चार भाषाओं तेलुगु, हिंदी, उर्दू और संस्कृत में किया गया है।

योजना दस्तावेज़ों के अनुवाद को तीन अलग-अलग तरीकों में प्रस्तुत किया गया हैं:

i) निरंतर एकल-भाषा या स्वचलित प्रारूप (दस्तावेज़ 1-4):

  • ये एम.एस. वर्ड का उपयोग करके तैयार की गई लिखित फाइलें होती हैं।
  • इनमें मूल/स्रोत भाषा (अंग्रेज़ी) या लक्षित भाषा का लिप्यंतरण प्रदान किए बिना एकल लक्षित-भाषा अनुवाद की लिखित शामिल होती है।
  • अंग्रेज़ी में प्रत्येक मूल दस्तावेज़ के लिए, तेलुगु, हिंदी, उर्दू और संस्कृत का एक अलग अनुवादित दस्तावेज़ होता है।

ii) वाक्य-दर-वाक्य (त्रिक) प्रारूप (दस्तावेज़ 1-4):

  • ये भी एम.एस. वर्ड का उपयोग करके तैयार की गई लिखित फ़ाइलें होती हैं।
  • अंग्रेज़ी में प्रत्येक मूल दस्तावेज़ के लिए, तेलुगु, हिंदी, उर्दू और संस्कृत का एक अलग अनुवादित दस्तावेज़ होता है।
  • परंतु, उन्हें वाक्य दर वाक्य व्यवस्थित किया जाता है और वे मूल/स्रोत भाषा (अंग्रेज़ी) और लक्षित भाषा का लिप्यंतरण भी प्रदान करते हैं।
  • उदाहरण के लिए, संस्कृत के किसी दस्तावेज़ में निम्नलिखित शामिल होता है:
    • अंग्रेज़ी में मूल वाक्य।
    • देवनागरी लिपि में एक संस्कृत अनुवाद।
    • लैटिन वर्णमाला में संस्कृत वाक्य का अनुवाद।
  • प्रत्येक त्रिक को एकल-स्पेस पंक्ति द्वारा अलग किया जाता है; पैराग्राफ़ के अंत को पैराग्राफ़ संकेत, ¶ द्वारा दर्शाया जाता है

ii) विस्तृत पत्र का उपयोग कर के शब्द-दर-शब्द प्रारूप (दस्तावेज़ 1, 2 और 4):

  • उपरोक्त के विपरीत, ये एम.एस. एक्सेल का उपयोग करके तैयार की गई विस्तृत पत्र फ़ाइलें होती हैं।
  • प्रत्येक मूल दस्तावेज़ के लिए, केवल एक ही दस्तावेज़ होता है जिसमें मूल भाषा, सभी चार अनुवादित भाषाओं का उनकी संबंधित लिपियों में शब्द-दर-शब्द अनुवाद और लैटिन वर्णमाला में चार संबंधित लिप्यंतरण होते हैं
  • दस्तावेज़ को वाक्य-दर-वाक्य अनुवाद के रूप में व्यवस्थित किया जाता है।
  • इस प्रकार से, एक विस्तृत पत्र में प्रत्येक वाक्य के लिए नौ प्रविष्टियाँ/पंक्तियाँ होती हैं, जिसके बाद एक रिक्त पंक्ति को शामिल किया जाता है।

यह संभव है कि एक भाषा में एक ही शब्द के लिए (उदाहरण के लिए, अंग्रेज़ी में "पानी" के लिए) किसी अन्य भाषा में दो समान उचित शब्द (इस मामले में, संस्कृत में "जल" और "उदाक") हो सकते हैं।
इसी तरह से, अंग्रेज़ी में "hoped" जैसे शब्द के लिए, उर्दू में दो समान उचित उच्चारण ("तवक्को की जाती" और "उम्मीद की जाती") हो सकते हैं।
तदनुसार, अंग्रेज़ी में "providence" जैसे शब्द के लिए तेलुगु में दो समान उचित शब्द ("भगवंथुडु" और "देवुडु") और हिंदी में ("ईश्वर" और "भगवान") हो सकते हैं।
यदि इन भाषाओं में से किसी एक से अंग्रेज़ी में अनुवाद किया जाए तो भी समान समस्या आएगी – उदाहरण के लिए, "hoped" के कई उचित पर्यायवाची शब्द होते हैं, जैसे कि "wished," "longed" और "desired।"
इस बात को ध्यान में रखते हुए, सावधानी बरती गई है और प्रत्येक भाषा में प्रत्येक वाक्य में दिए गए शब्द के लिए सभी तीन प्रारूपों के बीच के प्रसंग के अनुसार अनुवाद की संगति को बनाए रखने के लिए दुतरफी पड़ताल की गई है।
इस बात पर कक्षा मे चर्चा की जाएगी कि कुछ शब्दों के कई अर्थ होते हैं।

इन भाषाओं में से कुछ या सभी (तेलुगु, हिंदी, उर्दू और संस्कृत) में कई सामान्य शब्द या मूल मौजूद हैं, लेकिन उनकी अलग-अलग लिपियों के कारण लिखित में यह स्पष्ट नहीं है।
लिप्यंतरण के उपयोग का उद्देश्य निम्नलिखित है:

  1. उनके अंतर्निहित संबंधों को प्रकट करना।
  2.  लक्षित भाषा की समझ का अनुभव करने के लिए और प्रस्तावित तुलनात्मक भाषा-शिक्षण पद्धति का बेहतर विचार बनाने हेतु उन लोगों को भी सक्षम करना जो इन लिपियों से अपरिचित हैं।
  3. अंततः वेब पर इस प्रस्ताव के लिए व्यापक संभव पाठकों तक पहुंच बनाना, ताकि इसका इसकी पूरी सीमा तक मूल्यांकन किया जा सके।

"हमारी भाषाएं" विषय के भाग के रूप में कक्षा की पाठ्य पुस्तकों के पाठों पर विचार करते समय:

  1. लिप्यंतरण की कोई आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि छात्रों ने संबंधित लिपियों को प्रीस्कूल या नर्सरी स्कूल में सीख लिया होगा।
  2. कक्षा की पुस्तक पांच-वाक्य-दर-पांच-वाक्य प्रारूप या अंग्रेज़ी में एक पूरे पाठ के बाद क्रमशः तेलुगु, हिंदी, उर्दू और संस्कृत में पूरे पाठ का अनुसरण कर सकती है।
  3. लेकिन, शब्द-दर-शब्द प्रारूप, जिसे "शब्दपुस्तक" कहा जाता है, आवश्यक रूप से पांच-वाक्य-दर-पांच-वाक्य प्रारूप का अनुसरण करता है क्योंकि इसका उद्देश्य छात्र को पाँच भाषाओं में पक्ष दर पक्ष, शब्द दर शब्द, और वाक्य दर वाक्य का निरीक्षण करने में सक्षम बनाना है।

यह भी समझना होगा कि कक्षा की पाठ्यपुस्तकों के पाठों के विपरीत, दस्तावेज़ 1-4 मुख्य रूप से माता-पिता, शिक्षकों, नीति संबंधी फैसले के निर्माता और इच्छुक नागरिकों के लिए बनाए गए आवश्यक उन्नत दस्तावेज़ हैं।
विस्तृत पत्र शब्दपुस्तक प्रारूप में पढ़ने के लिए लंबे वाक्य बहुत ही असुविधाजनक हो सकते हैं।
साथ ही, मानक अनुवाद (पांच-वाक्य प्रारूप या पूर्ण पाठ प्रारूप) के अंदर किसी स्पष्ट शब्द के लिए शब्द-दर-शब्द अनुवाद देखने के लिए किसी से शब्दपुस्तक पर जाने की उम्मीद नहीं की जाती है।
फिर भी, इन दस्तावेज़ों का उपयोग न केवल प्रस्ताव की आवश्यक अंतर्निहित अवधारणाओं को समझने के लिए, बल्कि नई भाषा सीखने की प्रणाली की सीमाओं की जांच करने के लिए और उनका अवलोकन किए जाने पर उनका सतर्कतापूर्वक दस्तावेज़ीकरण करने के लिए भी उदाहरणों के रूप में उत्पादक तरीके से किया जा रहा है।
यह आशा की जाती है कि छात्रों के लिए कक्षा की पाठ्यपुस्तक के पाठों को तैयार करते समय ये अंतर्दृष्टियां काम आएँगी, जहाँ छोटे, सरल वाक्य नियम हो सकते हैं, लेकिन यह संबंधित कक्षा के स्तर पर निर्भर करता है।
यह कहना उचित होगा कि यह एक जटिल और महत्वपूर्ण परियोजना है, और यह कि इसके कार्यान्वयन के शुरू होने के बाद आगामी प्रतिक्रिया से बहुत कुछ सीखना और विकसित होने वाला है।