"भाषा बदलो, और आप के विचार बदल जाएंगे।"
कार्ल अल्ब्रेक्ट

बीरेल्लि शेषि, एम.डी.

तत्काल प्रेस विज्ञप्ति के लिए

(अंग्रेज़ी, तेलुगु, हिंदी, उर्दू और संस्कृत में)

संपर्क:
बीरेल्ली शेषि, एम्.डी.
डॉ. शेषि का अंतर्राष्ट्रीय बहु ∞ भाषीय केंद्र
शेषि बहु ∞ भाषीय विद्यापीठ
"विविधता हमारी वंशावली है"

दूरभाष: (310) 971-1810
ई-डाक: bseshi@multilanguaging.org
जाल-पता: www.multilanguaging.org

क्या आप पांच भाषाओं को एक साथ सीख सकते हैं?
तेलुगु, हिंदी, अंग्रेज़ी, उर्दू और संस्कृत ही क्यों?

वाइल्डर, केवाय, संयुक्त राज्य अमेरिका, दिनांक: 03/22/2021

नोट: वास्तव में, इस प्रेस विज्ञप्ति का एक अद्यतन संस्करण, और केवल अंग्रेजी में, 03/22/2021 को जारी किया गया था; अंग्रेजी, भारतीय भाषाओं के तहत देखें

"बहु-भाषीयता" एक बहुभाषीय या अनेकभाषीय शिक्षण प्रस्ताव है।
यह कई भाषाएं एक साथ सीखने की वकालत करता है और इस कार्य में सक्षम बनाता है।
यह दर्शाता है कि किस प्रकार एक साथ पांच भाषाएं सीखी जाएं।
वे तीन अखिल भारतीय भाषाएं हैं (हिंदी, उर्दू और संस्कृत), एक अंतर्राष्ट्रीय भाषा (अंग्रेज़ी) और एक स्थानीय भाषा (तेलुगु, जो कि डॉक्टर शेषि की मातृ भाषा भी है)।
सभी पहली कक्षा (श्रेणी या मानक) से शुरुआत करते हैं।
कोई भी स्थानीय भाषा तेलुगु का स्थान ले सकती है।
यह प्रस्ताव भारत की विशिष्ट स्थिति से निकला हुआ है।
यह विधि एक सामान्य व्यवस्था में और दुनिया की सभी भाषाओं पर लागू होती है।

बहुभाषावाद "प्रतिभासम्पन्न" लोगों की एकमात्र जायदाद नहीं हो सकता है।
बहु-भाषीयता विधि का उपयोग करके कोई भी इसमें एक अवसर पा सकता है।

प्रत्येक कक्षा में प्रत्येक पाठ की विषय-वस्तु सभी पांच भाषाओं में एक समान है।
इसमें ऐसी विषय-वस्तु शामिल होगी जो सभी पांच भाषाओं का प्रतिनिधित्व करती है।
अलग-अलग विषय-वस्तुओं के साथ तीन भाषाएं पढ़ाना भारत की वर्तमान प्रणाली का प्रतिमान है।
विभिन्न कक्षा स्तरों पर विभिन्न भाषाएं पाठ्यक्रम में प्रस्तुत की जाती हैं।
सबसे महत्वपूर्ण, मूल और निर्णायक बिंदु यह है कि विभिन्न भाषाओं में एक समान विषय-वस्तु विभिन्न भाषाओं में विभिन्न विषय-वस्तुओं वाली वर्तमान विधि से अधिक प्रभावकारी है।
प्रस्ताव उद्देश्यपूर्ण ढंग से विषय-वस्तु की मात्रा को सीमित करता है ताकि विद्यार्थी पांच भाषाओं को परस्पर और एक साथ सीखने में खुद को तल्लीन कर सकें।

प्रस्ताव पाठों को चुनने और पूरक विषय-वस्तु बनाने के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत उपलब्ध कराता है।
प्रस्ताव और संबंधित विषयों के कई पहलुओं की विस्तृत व्याख्या आसानी से समझ आने वाली और पाठकों के अनुकूल "प्रश्न और उत्तर" प्रारूप में दी गई है।
वे प्रस्ताव का एक व्यापक विचार प्रदान करते हैं।
जालपत्र इन दस्तावेजों की इन सभी पांच भाषाओं- अंग्रेज़ी, तेलुगु, हिंदी, उर्दू और संस्कृत- में मेज़बानी करता है, ताकि इनमें से किसी भाषा के बोलने वाले को ये आसानी से समझ आ सकें।

जालपत्र संबंधित बहु-भाषीयता शब्दकोश की एक विस्तृत पत्र प्रारूप में भी मेज़बानी करता है।
वे एक अध्ययन उपकरण हैं।
वे माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल में इन दस्तावेजों का पांच भाषाओं में शब्द-दर-शब्द अनुवाद उपलब्ध कराते हैं।
वे पाठक/विद्यार्थी को पांच भाषाओं में साथ-साथ, शब्द-दर-शब्द, और वाक्य-दर-वाक्य शब्दकोश की विषय-वस्तु का निरीक्षण करने की अनुमति देंगे।
वे विद्यार्थियों को अनिवार्य रूप से भाषाओं के बीच वाक्यात्मक अंतर का अनुभव कराने के लिए तैयार किए गए हैं।
वे इस परस्पर अधिगम और शब्दावली निर्माण तंत्र की शक्ति में एक अंतर्दृष्टि प्रस्तावित करते हैं।
अंतत:, जालपत्र पांच भाषाओं में एक साथ पढ़ाने के लिए दो आदर्श पाठ की मेज़बानी करता है।
विवरण के लिए देखें, www.multilanguaging.org
बहु-भाषीय पद्धति की संभावित अनुकूलनशीलता, उदाहरणार्थ सात यूरोपीय भाषाएँ सीखाने / सीखने के सन्दर्भ में देखने के लिए इस सम्बंधित जालपत्र को देखें, european.multilanguaging.org

विभिन्न भाषाओं को सीखना विद्यार्थियों की विचार शक्ति में वृद्धि करता है।
यह उन्हें विद्यालय के अन्य विषयों में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद कर सकता है।
यह अल्ज़ाइमर्स रोग (मस्तिष्क विकार जो किसी व्यक्ति के बूढ़े होने पर धीरे-धीरे स्मृति और विचार कौशल को नुकसान पहुंचाता है) की शुरुआत को धीमा करता है: कोई व्यक्ति जितनी ज्यादा भाषाएं जानता है, उतनी देर से शुरुआत होती है।
यह भविष्य के वरिष्ठ नागरिकों की अल्ज़ाइमर्स की अवश्यंभाविता के खिलाफ़ बीमा के रूप में काम करता है।

आगे बढ़ते हुए, उपयुक्त पाठ्य-पुस्तकें तैयार करने की आवश्यकता है।
इसके लिए बाह्य अनुदान सहायता निधि की आवश्यकता है।
इसके लिए उपयुक्त व्यक्तियों, संस्थाओं और एजेंसियों, सरकारी या निजी, की ओर से सहभागिता और सहयोग की भी आवश्यकता है।
पाठ्य-पुस्तकें (और अन्य संसाधन सामग्री) को लचीलापन प्रस्तुत करने के लिए रूप-रेखित और नियोजित किया जाएगा।
इससे अध्ययन के लिए पांच भाषाओं (तेलुगु, हिंदी, अंग्रेज़ी, उर्दू और संस्कृत) के उप-संयोजनों या उप-मापांकों के चयन में मदद मिलेगी।
वे मुद्रित प्रारूप और ऑनलाइन दोनों में उपलब्ध रहेंगे।
प्रारूप को व्यवस्थित और लचीला किया जाएगा ताकि संज्ञानात्मक संचय के निर्माण के लिए रुचि रखने वाले व्यक्तियों या अध्ययन समूहों द्वारा कक्षा शिक्षण और वयस्क अधिगम के लिए विषय-वस्तुओं समान रूप से अनुकूल हों।
बहुउद्देश्यीय पाठ्य-पुस्तक निर्माण के निर्णय/प्राथमिकताएं स्वाभाविक रूप से विभिन्न हितधारकों की प्राथमिकताओं पर विचार करते हुए उनसे मिले प्रतिपुष्टि के आधार पर निर्देशित किए जाएंगे।
इनमें वित्त पोषण संस्थाएं, सरकारी निकाय और शिक्षक शामिल हैं।

डॉ. शेषि के अंतर्राष्ट्रीय बहु ∞ भाषीय केंद्र और शेषि बहु ∞ भाषीय विद्यापीठ का निर्माण विभिन्न भाषाओं का एक साथ, प्रभावी और मज़ेदार ढंग से पढ़ाने और सीखने को बढ़ावा देने के लिए किया गया था।
उनसे भारत की भाषायी, सांस्कृतिक और अंतत: राष्ट्रीय एकता को आगे बढ़ाने की उम्मीद की जाती है।
विविधता हमारी वंशावली है।

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यदि आप इस विषय के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं और अपने प्रश्नों के उत्तर चाहते हैं, तो कृपया www.multilanguaging.org देखें, (310) 971-1810 पर बीरेल्ली शेषि, एम.डी. को संपर्क करें या bseshi@multilanguaging.org या bseshi@outlook.com पर ई-डाक भेजें।