
"भाषा बदलो, और आप के विचार बदल जाएंगे।"
कार्ल अल्ब्रेक्ट

बीरेल्लि शेषि, एम.डी.

विषय, पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या
जैसा कि संस्थापक और अध्यक्ष के संदेश में जोर दिया गया, यह एक प्रयोगात्मक विचार है, जिसके लिए महत्वपूर्ण चर्चा और मूल्यांकन की आवश्यकता है।
इस विचार को एक विशिष्ट रूप में और पर्याप्त विवरण के साथ प्रस्तुत करने की पूरी व्यवस्था की गई है ताकि यह विश्लेषण के लिए उत्तरदायी हो।
यह आशा की जाती है कि भाषाविद और संबंधित भाषा के विद्वान सभी पहलुओं से प्रस्ताव की जांच करेंगे और उपयुक्त विषय, पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या को विकसित करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाएंगे क्योंकि इस तरह के विषय की आवश्यकता होती है, भले ही प्रयोग के लिए हो।
यह भी आशा की जाती है कि भारत की संघीय और राज्य सरकार की एजेंसियां, परोपकारी संगठन और शैक्षणिक संस्थान इस प्रस्ताव का समर्थन करेंगे और आवश्यक वित्तीय सहायता और समर्थन प्रदान करेंगे।
संबंधित भाषा विशेषज्ञों द्वारा सहयोगात्मक रूप से तैयार की जाने वाली उपयुक्त पाठ्य पुस्तकों पर इस प्रस्ताव की सफलता की भविष्यवाणी की जा सकती है।
एक अलग कोन से, दुनिया के सूचना प्रौद्योगिकी दिग्गज इस प्रस्ताव को पर्याप्त रूप से चुनौतीपूर्ण और इसके लिए उचित पाठ्यपुस्तकों और सॉफ्टवेयर टूल्स/ एप्स के निर्माण में मदद कर के इस कार्य को व्यावहारिक बनाने के लिए कदम बढ़ाने पर विचार करने के पर्याप्त महत्व को पा सकते हैं।
आवश्यक पुस्तकों और कंप्यूटर उपकरण की उपलब्धता इच्छुक स्कूलों को इस शिक्षण विधि का प्रयोग करने की सुविधा प्रदान करेगी।
इस वेबसाइट का उद्देश्य इस बात के बारे में जागरूकता बढ़ाना है कि किसकी जरूरत हो सकती है और अंततः इसे वास्तविकता बनाने के लिए चर्चा और बहस को प्रोत्साहित करना है।
डॉक्टर शेषि का अंतराष्ट्रीय बहुभाषीय केंद्र
विविधता हमारी वंशावली है
बीरेल्लि शेषि, एम्.डी.
हिंदी (तेलुगु, उर्दू, संस्कृत) के एक मूल वक्ता ने डॉक्टर शेषि की अंग्रेजी मूल लिपि का अनुवाद किया है।